भारत में शायद ही एसा कोई पर्सन होगा जिसने आज तक टाइम्स ऑफ इंडिया न्यूज़ पेपर का नाम ही सुना होगा | टाइम्स ऑफ इंडिया देश के सबसे बड़े न्यूज़ पेपर में से एक है इस की शुरुआत 1838 में हुई थी | ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन (Audit Bureau of Circulation) के अनुसार टाइम्स ऑफ इंडिया भारत का तीसरा सबसे बड़ा और वर्ड का दूसरा सबसे ज्यादा बिकने वाला न्यूज़ पेपर है | तो आइये दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम टाइम्स ऑफ इंडिया न्यूज़ पेपर की सक्सेस स्टोरी को देखते है |
1860 में रॉबर्ट नाईट ने टाइम्स ऑफ इंडिया के ज्यादातर शेयर्स को खरीद लिया और इसे बोम्बे स्टैंड से जोड़ दिया और इसके बाद इन्होने पहली न्यूज़ एजेंसी शुरू की | साल 1961 में रॉबर्ट नाईट ने इसका नाम द बॉम्बे टाइम्स एंड जर्नल ऑफ कॉमर्स से बदल कर टाइम्स ऑफ इंडिया कर दिया | 1892 थॉमस ज्वेल बेनेट नाम के एक अंग्रेजी पत्रकार ने फ्रेंक मोरिस कालेमन के साथ मिलकर टाइम्स ऑफ इंडिया को खरीद लिया |
1946 में टाइम्स ऑफ़ इंडिया की पेरेंट कंपनी Bennett Coleman & Co. Ltd. को रामकृष्ण डालमिया ने खरीद लिया लेकिन कुछ विवादो के चलते इन्हें जेल जाना पढ़ा और एसे में इनके दामाद शाहू शांति प्रकाश जैन ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को संभाला | 1960 में शाहू शांति प्रकाश जैन को ब्लैक मार्केट में न्यूज़ प्रिंट बेचने के चक्कर में पकड़ लिया गया और इसके बाद टाइम्स ऑफ़ इंडिया को सरकार में अंडर ले लिया गया और बोम्बे हाईकोर्ट के जज को चेयरमैन बनाया गया | 1976 में भारत में आपातकालीन स्थितियों के दौरान सरकार ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ओनरशिप वापस शाहू शांति प्रकाश जैन के बेटे अशोक कुमार जैन को सोप दी | इसके बाद साल 2006 में विजयानंद प्रिंटर्स लिमिटेड को खरीदा। आज के टाइम टाइम्स ऑफ़ इंडिया देश के सबसे बड़े न्यूज़ पेपर में से एक है 2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार ये हर रोज लगभग 29 लाख पेपर को प्रसारित करते है |