प्लास्टिक वेस्ट आज पूरे विश्व के लिए बहुत बड़ी चुनौती बना हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार देखा जाए तो पुरे वर्ल्ड में 2020 तक 12 अरब टन प्लास्टिक कचरा जमा हो चुका है जो दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सालाना 56 लाख टन प्लास्टिक का वेस्ट निकलता है जिसमे से ज्यादतर समुद्र में फेक दिया जाता है या डंप यार्ड बना कर उसमे डाल दिया जाता है। जो हमारे पर्यावरण और हमारी हेल्थ के लिए नुकसानदायक है। प्लास्टिक वेस्ट से हो रहे नुकसान से छुटकारा पाने के लिए कई तरह के कैंपेन चलाएं जा रहे हैं तो वहीं कुछ लोग प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर भी काम कर रहे हैं ताकि इस समस्या को कम किया जा सके। एसा ही एक स्टार्टअप कनिका आहूजा के द्वारा शुरू किया गया। कनिका दिल्ली की रहने वाली हैं जिन्होंने 2017 में लिफ़ाफ़ा नाम से अपने स्टार्टअप की शुरुआत की इनका ये स्टार्टअप प्लास्टिक को अपसाइकल करके इससे पर्स, बैग, लैपटॉप आस्तीन, टेबल मैट जैसी कही चीजो को बनता है।
कनिका आहूजा के बारे में - इनकी माता का नाम अनिता आहुजा और पिता का नाम शलभ आहुजा है। कनिका ने कर्नाटक के मणिपाल विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और बाद में SRCC दिल्ली से एमबीए किया। 2015 मैं एक मार्केट रिसर्च फर्म के लिए काम किया।
स्टार्टअप स्टोरी - साल 2016 में कनिका आहूजा अपने माता पिता के द्वारा चलाये जा रहे NGO कन्जर्वेशन इंडिया से जुडी जहा पर इन्होने प्लास्टिक वेस्ट मेनेजमेंट पर काम करने लगी यहाँ कम करते हुए इन्होने देखा की कूड़ा-कचरा बीनने वाले लोगों की जिंदगी बहुत चिंताजनक और संकटग्रस्त है। काफी मेहनत करने के बाद भी वे इतना पैसा नही कमा पाते जिससे वे अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके। उनकी समस्याओं को देखते हुए कनिका ने कुछ ऐसा करने का सोचा जिससे के कचड़े से छुटकारा भी मिले और स्लम एरिया में रहनेवाले लोगों को अच्छी कमाई भी हो। और फिर 2017 में कनिका ने लिफ़ाफ़ा नाम से अपने स्टार्टअप की शुरुआत की। इन्होने अपने इस स्टार्टअप के जरिये प्लास्टिक वेस्ट से फैशन की चीजों को बनाना शुरु किया जैसे बैग, पर्स, फैब्रिक प्रोडक्ट और हैंडीक्राफ्ट आदि। उसी दौरान एक बार उन्होंने Lakme के फैशन वीक में हिस्सा लिया और अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग की फैशन वीक में लोगों ने उनके उत्पाद की काफी तारीफ की।
कनिका आहुजा द्वारा प्लास्टिक वेस्ट की समस्या से छुटकारा पाने की इस पहल से पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभा रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने प्लास्टिक वेस्ट से प्रोडक्ट बनाने के स्टार्टअप से 200 से अधिक महिलाओं को रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया है। लिफ़ाफ़ा ने पिछले वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया और इस साल उस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।