बिजनेस आइडिया कैसे मिला - साल 2018 की बात है नमन कॉलेज में थे। तब इनके कई दोस्त सिगरेट पिया करते और फिल्टर को कभी जमीन पर फेंक देते। एक दिन अचानक इनके दिमाग में खयाल आया कि सिगरेट के इन फिल्टर्स को कैसे बनाया जाता है इसे फेकने के बाद इसका क्या होता है? इन सब चीजो को जानने के लिए इन्होने रिसर्च की तो पता चला की सिगरेट फिल्टर असल में सेलुलोज एसिटेट होता है। ये एक तरह का फाइबर है, जो गलने में 10 से 12 साल का वक्त लेता है। इतने वक्त में वो मिट्टी को बर्बाद कर देता है। हमारे देश में इसे रिसाइकिल करने का कोई जरिया नहीं।
इन्होने अपनी रिसर्च में अपने बड़े भाई विपुल गुप्ता की मदद ली, जो साइंस बैकग्राउंड से हैं। रिसर्ज कम्पलीट होने के बाद इन्होने इस तरह की मशीनें तैयार करवाईं जो सिगरेट बट को 100% तक रीसाइकिल कर सके। मशीनरी तैयार होने के बाद 4-5 महीनों के ट्रायल के बाद हमने सिगरेट वेस्ट मैनेजमेंट पर कंपनी अपनी कंपनी बनाने का डिसाइड किया और इसे नाम दिया- कोड एफर्ट प्राइवेट लिमिटेड।
बिज़नेस शुरू करने के लिए इनके सामने सबसे बड़ा चैलेंज भी यही रहा कि ये सिगरेट बट कहां से और कैसे कलेक्ट करें। क्योंकि भारत में हर दिन 10 हजार करोड़ से ज्यादा सिगरेट बट की खपत होती है। लोग दुकानों पर, सार्वजनिक जगहों पर, चलते-फिरते रास्ते में कहीं भी सिगरेट पीकर फेंक देते हैं। इसलिए इन्होने सबसे ज्यादा मेहनत वेस्ट कलेक्ट करने को लेकर किया।
तीन तरीके से कलेक्ट करते हैं वेस्ट -
1. ये कबाड़ उठानेवालो या ऐसे लोगों की मदद लेते हैं, जिनके पास काम नही होता। वे लोग जगह-जगह से फिल्टर जमा करते और इन तक पहुंचाते हैं। इसके लिए ये उन्हें प्रति किलो के हिसाब से पैसे भी देते हैं।
2. ये कंपनियों, कॉर्पोरेट्स और पानठेलों तक डस्टबिन पहुंचाते हैं। जिसमें लोग सिगरेट वेस्ट फेंक सकें। डस्टबिन भर जाने पर हमारी टीम के सदस्य उसे ले आते हैं।
3. सबसे कामयाब मॉडल सप्लायर एग्रीमेंट है। इसके जरिए छोटा बिजनेस करने की इच्छा रखने वाले हमसे जुड़ सकते हैं। वे हम तक सिगरेट वेस्ट पहुंचाएंगे और बदले में उन्हें अच्छा इंसेंटिव मिलेगा।
इस तरह से हर रोज इनके पास हजार किलो से ज्यादा सिगरेट बड्स जमा होते हैं।
सिगरेट में तीन तरह के वेस्ट होते हैं -
- सिगरेट पीने के बाद बचा हुआ तंबाकू
- सिगरेट पर लिपटा हुआ कागज
- सिगरेट का फिल्टर
1 हजार लोगों को रोजगार दे रहा ये स्टार्टअप - इन्होने अपने काम में उन महिलाओं को जोड़े हुआ हैं जो घर से बाहर निकलकर काम नहीं कर पाती। नमन और उनकी टीम इन महिलाओं को ट्रेनिंग देते हैं और फिर सारे प्रोडक्ट दे देते हैं ताकि वे घर बैठे ही काम कर सकें। अभी करीब 100 महिलाओं को वे रोजगार मुहैया करा रहे हैं, जिन्हें प्रति प्रोडक्ट भुगतान होता है।
सिगरेट बट से बने बाय प्रोडक्ट को ये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, डिस्ट्रीब्यूटर और सेल्समैन के जरिए बेचते हैं। इसके अलावा कॉर्पोरेट से बल्क ऑर्डर लेकर भी इन प्रोडक्ट्स की डिलीवरी करते हैं। इसके साथ लगभग 1000 से ज्यादा लोग इनके साथ जुड़ कर रोजगार प्राप्त कर रहे है
आप कैसे शुरू करे - सिगरेट बट की रिसाइकिलिंग के लिए 8 से 10 लाख रुपए का कैपिटल इनवेस्टमेंट चाहिए। इससे कुछ मशीनें खरीदी जाएंगी। इसके अलावा कई खर्च हैं, जो इसपर तय होते हैं कि आप किस लेवल पर बिजनेस करने वाले हैं। मसलन स्टाफ की सैलरी, फैक्ट्री की जमीन का किराया जो महीने के महीने लगेंगे।
इसके अलावा अगर आप फ्रेंचाइजी मॉडल पर काम कर सकते हैं तो हमारे या वेस्ट मैनेजमेंट का काम कर रहे दूसरे लोगों के साथ भी जुड़ सकते हैं।