मध्यप्रदेश के सनत श्रीवास्तव और आसावरी सावरीकर ने 3 साल पहले एक ऑनलाइन टीचिंग प्लेटफॉर्म की शुरुआत की। जिसके जरिए ये देशभर के स्टूडेंट्स को कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स की तैयारी करवाते हैं। दो लोगो ने मिलकर इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत की थी आज इनके पास 10 लोगों की टीम है। यूट्यूब और सोशल मीडिया पर उनके लाखों सब्सक्राइबर्स हैं। 25 हजार रुपए से शुरू हुआ यह स्टार्टअप आज हर साल 1.2 करोड़ रुपए से ज्यादा रेवेन्यू जेनरेट कर रहा है। आईये इस पोस्ट में हम इनकी सक्सेस स्टोरी को डिटेल्स में देखते है।
साल- 2014 में भोपाल के एक्सीलेंस कॉलेज में कोर्स- मास्टर्स इन इकोनॉमिक्स ऑनर्स की क्लास का पहला दिन था और इसी दिन दो स्टूडेंट्स आसावरी और सनत की मुलाकात होती है। जो आगे चलकर गहरी दोस्ती में बदल जाती है। आसावरी को इकोनॉमिक्स में दिलचस्पी थी। वहीं सनत का झुकाव कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी की ओर रहा। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान इन्हें टीचर्स ने UGC NET के बारे में जानकारी दी। जिसे क्वालिफाई करने के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकते हैं। फिर क्या था, ये दोनों दोस्त इस एग्जाम की तैयार में लग गए। जब इन्होंने इस एग्जाम की तैयारी शुरू की तो पता चला कि हाइपर इकोनॉमिक्स, माइक्रो इकोनॉमिक्स और इंडियन इकोनॉमिक्स के अलावा भी बहुत सारी चीजों में इकोनॉमिक्स जरूरी है। जैसे- पब्लिक इकोनॉमिक्स, इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स, एनवायरन्मेंटल इकोनॉमिक्स और इन फील्ड के बारे में स्टूडेंट्स को कोई जानकारी नहीं होती। इन्होने देश-विदेश के प्रोफेसर के वीडियोज देखने शुरू किए। इंडियन इकोनॉमिक एसोसिएशन की कॉन्फ्रेंस अटैंड की इतना सब कुछ करने के बाद भी इन्हें सही गाइडेंस नहीं मिल पा रही थी।
फिर एक ही रास्ता समझ आया कि खुद से टॉपिक्स को पढ़ कर समझा जाए और सारे कॉन्सेप्ट को क्लियर किया जाए। इन्होंने अपनी फैकल्टी को बोलते सुना था कि टॉपिक को अच्छे तरीके से समझना है तो आसान भाषा में इसे किसी को समझाएं। हमने यही किया और घर के एक कमरे से वीडियो बनाना शुरू किया। तब तक NET का रिजल्ट भी आ गया था। सनत ने पहले अटेम्प्ट में और आसावरी ने दूसरे अटेम्प्ट में एग्जाम क्लियर किया। इसके बाद दोनों बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर भोपाल के एक कॉलेज में पढ़ाने लगे। इसके साथ ही वे पहले की तरह वीडियो भी बनाते रहे।
फिर साल 2017 में दोनों ने मिलकर यूट्यूब पर ‘Ecoholics’ नाम से चैनल बनाया। इसके बाद सनत ने वीडियो अपलोड करना शुरू कर दिया। बिना किसी संसाधन की मदद से बने इन वीडियोज को खूब व्यूज मिल रहे थे। फिर सनत ने जॉब छोड़ पूरी तरह Ecoholics पर काम करना शुरू किया, वहीं असावरी ने अपनी जॉब के साथ वीडियोज बनाना जारी रखा। किसी भी नए काम के शुरुआती दौर में बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन्होनें भी घर के एक कमरे से ही वीडियो शूट कर के youtube पर डालना शुरू किया था। वीडियो बनाने के लिए कैमरा भी एक दोस्त से उधार लिया था जिससे लगभग 800 वीडियोज बनाए। वीडियो को एडिटिंग से लेकर वेबसाइट खुद बनाना सिखा। मार्केटिंग खुद करना सीखा। 2019 में आसावरी ने भी नौकरी छोड़ दी और फुल टाइम यूट्यूब चैनल के लिए काम करने लगी। धीरे-धीरे इनका काम आगे बढ़ा तो दूसरे टीचर्स भी साथ जुड़ते गए। फिलहाल हमारे साथ 10 लोगों की टीम है।
बिज़नेस मॉडल - अभी ये दोनों मिलकर खुद के ऐप और यूट्यूब के जरिए स्टूडेंट्स को पढ़ा रहे हैं। उनके यूट्यूब चैनल पर करीब एक लाख सब्सक्राइबर हैं। साथ ही साथ इन्होंने Ecoholics edtech नाम से अपनी कंपनी को भी रजिस्टर करवाया हैं। इनके अपने ऐप पर दो मॉडल हैं। पहला- फ्री ऑफ कॉस्ट मॉडल और दूसरा- सब्सक्रिप्शन मॉडल। जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि फ्री मॉडल से कोई भी वीडियोज को एक्सेस कर सकता है वहीं सब्सक्रिप्शन मॉडल में अलग-अलग कोर्स के हिसाब से फीस देनी पड़ती है। इनके पास इंडियन इकोनॉमिक सर्विसेज, इकोनॉमिक्स ऑप्शनल फॉर UPSC और UGC NET की तैयारी करने वाले सबसे ज्यादा स्टूडेंट हैं। अभी तक 2000 लोगों ने सब्सक्रिप्शन ले रखा है। हाल के दिनों में हमारे यहां पढ़ने वाले कई छात्र अलग-अलग एग्जाम्स में सिलेक्ट भी हुए हैं।