दोस्तो गीता पाटिल जी ने अपने परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए अपने स्टार्टअप पाटिल काकी की शुरुआत की, जो मुंबई और पुणे में प्रामाणिक महाराष्ट्रियन व्यंजन बेचती है, और हर महीने हजारों ऑर्डर बेचती है, जिससे सालाना 1 करोड़ रुपये की कमाई होती है।
दरसल दोस्तो गीता पाटिल जी को स्वादिष्ट खाना बनाना बहुत पसंद था और वह अक्सर अपने बचपन मे अपनी मां को अपना टिफिन कारोबार चलाने में मदद करती थीं। वह अपने बेटे के लिए स्वादिष्ट टिफिन बनाती थी ताकि वो अपना पूरा टिफन खत्म करें। ओर इन्हें खाना बनाने का इतना शोक था कि यह अक्सर अपने पड़ोसियों और रिस्तेदारों के लिए भी बिना कुछ चार्ज किए नाश्ता और भोजन तैयार करती थी।
2016 में, गीता के पति की नौकरी चली गई, और उसके बाद अपने घर को चलाने के लिए इन्होंने पारंपरिक महाराष्ट्रीयन स्नैक्स और मोदक, पूरनपोली, चकली, पोहा, चिवड़ा और मिठाइयाँ बेचने के लिए मुंबई में घर से एक छोटा बिज़नेस शुरू किया।
शुरुआत में उन्होंने प्रभात कॉलोनी में बीएमसी के कर्मचारियों को नाश्ता और चाय-नाश्ता परोसा। 2020 तक, इनका बिज़नेस बिना किसी औपचारिक ब्रांडिंग के घरेलू रसोई से चलाया था। लेकिन जब उनका बेटे विनीत ने 2021 में इस बिज़नेस में शामिल हुआ, तो इन्होंने बिज़नेस को नया रूप देने का फैसला किया और इसका नाम पाटिल काकी रखा।
आज दोस्तों पाटिल काकी के पास सांताक्रूज में 1,200 वर्ग फुट का स्थान है जहां से ये इनका बिज़नेस ऑप्टेरेट होता है। पाटिल काकी के टोटल वर्कर्स में लगभग 70% महिलाएं हैं। पाटिल काकी के बेस्टसेलर मोदक, पूरनपोली और चकली, बेसन के लड्डू और चिवड़ा है। आज दोस्तो मुंबई, पुणे ओर उसके आसपास के एरिया से पाटिल काकी के पास हर महीने 3,000 से अधिक ऑर्डर हैं। और अब ये अपने बिज़नेस को पूरे देश मे फैलाने जा रहे है। आज दोस्तों इनके बिज़नेस की सालाना इनकम लगभग 1.4 करोड़ रुपये है।