नमस्कार दोस्तों आज की सक्सेस स्टोरी में हम आप के लिए लेकर आए है तीन एसे दोस्तों की स्टार्टअप स्टोरी जिन्होंने अपनी हाई पेइंग जॉब को छोड़ कर रोड के किनारे समोसा बेचना शुरू किया। 2016 में तीनो दोस्तों ने जयपुर में ठग्गू के समोसे नाम से अपने बिज़नेस को शुरू किया।आज हर रोज 3000 हजार से ज्यादा समोसा बेच रहे है और अपने इस बिज़नेस से यह हर साल 2 करोड़ तक की कमाई कर रहे है तो आइए दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम इनकी सक्सेस स्टोरी को देखते है।
कैसे हुई शुरुआत - मुकेश गोल्या, पावस नागपाल और विकी। इन तीनों की दोस्ती जॉब के दौरान हुई। MBA के बाद मार्केटिंग की नौकरी में मिलना जुलना होता था। एक दिन चाय की थड़ी पर बैठे-बैठे आइडिया आया कि समोसे में आलू ही क्यों भरा जाता है। क्यों न इस की स्टफिंग में कुछ नया ट्राई किया जाए। नया स्वाद लोगों को परोसा जाए। तीनों को यह आइडिया पसंद आया। और फिर इन्होने थोडा मार्केट रिसर्च किया और उसके बाद पहले दिन घर पर ही 12 वैरायटी के 60-70 समोसे तैयार किए। नए साल के मौके पर 1 जनवरी 2015 को तीनों दोस्तों ने सड़क पर ही समोसे बेचना शुरू किया और सिर्फ 10 मिनट में इनके सारे समोसे बिक गए। इनके लिए उस टाइम सबसे वेल्यूएबल चीज थी समोसा खाने वालों के रिव्यू। इस सेल से मोटीवेट होकर अगले दिन वैशाली नगर में ही एक दोस्त से बात करके उसकी गैराज को जाने वाले 8X8 के रास्ते से ही अपनी समोसे दुकान शुरू की। यहीं से इस कारोबार की शुरुआत हुई।
लाखों के पैकेज की जॉब को छोड़ा - बिजनेस को संभालने के लिए तीन दोस्तों में से दो दोस्तों ने अपनी जॉब छोड़ दी। इस में मुकेश गोल्या जिनकी जॉब का पैकेज 8 लाख रुपए सालाना था। लेकिन अपने आइडिया और अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए जॉब छोड़ दी। तीनो दोस्तों ने अपनी थोड़ी बहुत सेविंग थी और करीब 3 लाख रुपए बैंक से लोन लेकर सेटअप तैयार किया। शुरुआत में केवल 1 ही शॉप थी और 12 वैरायटी के समोसे बेचते थे लेकिन आज इनकी जयपुर में 4 ब्रांच हैं और 14 वैरायटी के समोसे बेच रहे हैं।
ऐसे पड़ा 'ठग्गू' नाम - जब बिजनेस को नाम देने के बारे में सोच रहे थे तब अचानक से माइंड में 'ठग्गू' शब्द क्लिक हुआ। ठग्गू का मतलब है जो लोगों के स्वाद को ठग लेता है। यह शब्द ऐसा था जो आसानी से लोगों की जुबां पर आ गया। यहीं से ठग्गू के समोसे शुरू हुआ जो आज ब्रांड बन गया है।
इनका स्वाद ही है इनकी पहचान - जयपुर में मालवीय नगर, वैशाली नगर, मानसरोवर और भांकरोटा में 1 ब्रांच है। लेकिन सभी पर स्वाद एक जैसा ही है। इसकी वजह है कि इनका मेगा किचन केवल वैशाली नगर में है। समोसे की स्टफिंग के लिए मसाला यहीं से तैयार होकर बाकी आउटलेट पर जाता है। ट्रेडिशनल समोसों में केवल आलू का ही मसाला इस्तेमाल होता है। लेकिन 'ठग्गू' ने छोले, मंचूरियन, सोया चाप, पास्ता, चॉकलेट, ब्राउनी, पनीर, चाऊमीन जैसे मसालों से स्टफिंग करना शुरू किया जो इन्हें बाकि समोसे बेचने वालो से अलग करते है। इनका यह एक्सपेरिमेंट लोगो को भी खूब पसंद आया और देखते ही देखते यह जयपुर का पोपुलर समोसा ब्रांड बन गया।
सालाना करते है 2 करोड़ का बिज़नेस - इनके एक समोसे की कीमत 20 रुपए से शुरू होती है। चारों ब्रांच पर दिनभर में करीब 3 हजार समोसे की सेल है। सालाना टर्नओवर करीब 2 करोड़ रुपए हैऔर अपने इस बिजनेस से वे लगभग 25 से भी ज्यादा लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं जिनमें वुमन्स भी शामिल हैं। ब्रांड बनने के बाद पार्टनर्स ने बिजनेस मॉडल भी तैयार कर लिया है। जल्द ही अजमेर और लखनऊ में भी ठग्गू के समोसे मिलेंगे। इनके बिज़नेस का फ्यूचर प्लान फ्रेंचाइजी मॉडल शुरू करना है।