दोस्तों अनुषा चंद्रशेखर और आलोक पॉल ने 2018 में नोएडा में अपना वुमेन्स वियर ब्रांड Berrylush की शुरुआत की थी। इनके बिज़नेस की शुरुआत चार मशीनों और एक छोटी टीम के साथ हुई थी इसमें यह वुमेन्स के वेटर्न वियर को बना कर ऑनलाइन सेल करते थे और आज इनके बिज़नेस का टर्नओवर 15 करोड़ तक पहुच गया है। तो दोस्तों इस पोस्ट में हम इनकी स्टार्टअप स्टोरी, बिज़नेस मॉडल के बारे में जानते है।
फाउंडर के बारे में - अनुषा चंद्रशेखर ने IIM रायपुर अपनी ग्रैजुएशन की है और ये हमेशा फैशन रिलेटेड बिज़नेस को करना चाहती थीं और अपना खुद का वुमेन्स के वेटर्न वियर का बिज़नेस शरू करना चाहती थी। इन्ही के साथ पढ़ रहे इनके बैचमेट आलोक पॉल भी अपना ई-कॉमर्स बिज़नेस शुरू करना चाहते थे। अनुषा चंद्रशेखर और आलोक पॉल कुछ टाइम बाद शादी कर ली और लाइफ पार्टनर के साथ साथ बिज़नेस पाटनर भी बन गए । और 2018 में दोनों ने मिलकर D2C बिज़नेस मॉडल पर Berrylush नाम से अपना वुमेन्स वेटर्न वियर का बिज़नेस शूरु किया।
स्टार्टअप स्टोरी - Berrylush शुरू
करने से पहले इनके पास डेलॉइट में अच्छी सैलेरी वाली
नौकरी थी। लेकिन ये अपना बिज़नेस शुरू करना चाहती थे इस लिए अपनी जॉब पर रहते हुए
ही इन्होंने मार्केट को रिसर्च करना शुरू किया। और यहाँ से इन्हें ये रियलाइज हुआ
कि वुमेन्स वेस्टर्न वियर के मार्केट में एक
बहुत बड़ा गेप है जिसे हम भर सकते है। क्योंकि ये खुद एक वुमन है और इन्होंने देखा कि बड़ी ब्रांडों द्वारा बनाए गए
फैशनेबल कपड़े अच्छी क्वालिटी के थे, लेकिन
बहुत महंगे थे, और अगर इस टाइप में कोई सस्ता प्रोडक्ट
लेने जाओ तो उसकी क्वालिटी सही नही मिलती। बड़े -
बड़े ब्रांड लगभग 5,000 रुपये में पार्टी
वियर बेच रहे थे और इन्होंने 1,000 रुपये से
कम प्राइस में समान क्वालिटी वाले अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए प्रोडक्ट्स को बनाने और बेचने का फैसला किया और फिर इन्होंने छोटे लेवल पर 999 रुपये में पार्टी वियर बेचना शुरू किया जिसका इनको मार्केट में अच्छा रिस्पॉन्स मिला। मार्केट में मिले अच्छे रेस्पोंस के बाद इन्होंने अपनी जॉब से रिजाइन दिया और अपने पिता जी से 10 लाख लेकर अपने बिज़नेस को शुरू किया।
बिज़नेस मॉडल - ये अपने बिज़नेस को D2C ( डारेक्ट टू कन्ज्यूमर ) मॉडल पर चला रहे है। नोएडा में इनका मैनुफैक्चरिंग यूनिट है यहाँ पर ये अपने ड्रेस तैयार करते है। ड्रेस के फेब्रिक के लिए इन्होने 13 से 14 फेब्रिक मिल वालो से टाइअप किया है। मिल से फेब्रिक इनके मैनुफैक्चरिंग यूनिट पर आता है यहाँ पर इसकी कटिंग, स्टिचिंग करके ड्रेस को तैयार किया जाता है। फिर इसे सेल किया जाता है।
कुछ आकड़ो के मुताबिक देखा जाए तो , 2018 में भारतीय महिलाओं के वेस्टर्न वियर का मार्केट लगभग 23,500 करोड़ रुपये का था जो 2023 में 62,500 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। यानि की अगर आप ये बिज़नेस को शुरू करते है तो आप के लिए बहुत ही अच्छी अपॉरचुनिटी है।
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