IPL 2022 शुरुआत 26 मार्च से हो रही है और अगले दो महीने क्रिकेट का सुपर - डुपर एक्शन शुरू होने जा रहा है | IPL चौकों-छक्कों की बरसात के साथ ही BCCI से लेकर टीम के मालिकों और खिलाड़ियों के लिए पैसे की बारिश करने वाला टूर्नामेंट भी है | 2008 में इसका पहला सीजन शुरू हुआ था उसके के बाद से ही लगातार IPL की लोकप्रियता और कमाई दोनों बढ़ती ही गई है | क्या आपने कभी ये सोचा है की IPL से BCCI से लेकर टीम के मालिकों और खिलाड़ियों इतना पैसा कैसे कमाते है अगर नही तो आज इस पोस्ट में हम IPL के कम्पलीट बिज़नेस मॉडल को जानते है |
IPL के बारे में जानकारी - IPL ( इंडियन प्रीमियर लीग ) एक T20 क्रिकेट लीग है, जिसका आयोजन BCCI करता है | इसके पहले सीजन की शुरुआत में 2008 में 8 टीमों के साथ हुई थी | बाद में इससे दो और टीमें कोच्चि टस्कर्स केरल और सहारा पुणे वॉरियर्स भी जुड़ी थी लेकिन दोनों टामे अलग-अलग कारण से इस लीग से बाहर हो गई |
2016-17 में राजस्थान रॉयल और चेन्नई सुपर किंग्स मैच फिक्सिंग के चलते 2 साल का बैन लगा जिसके कारण गुजरात लांयस और राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स को लीग में शामिल किया गया । इस साल 2022 में लखनऊ और अहमदाबाद दो नई टीमें जुड़ गई हैं | यानी इस बार लीग में टीमों की संख्या 10 है |
IPL से कैसे कमाती है टीमे - IPL का पूरा खेल ही एक बिजनेस है | IPL हर हिस्से से BCCI और टीम मालिकों को जबर्दस्त कमाई होती है | आइये हम IPL से होने वाली कमाई को तीन हिस्सों में बांट कर समझ ते है |
1 एड्स और प्रमोशनल रेवेन्यू - IPL में एड्स और प्रमोशनल से होने वाली कमाई का हिस्सा करीब 20-30% होता है |
2 लोकल रेवेन्यू - IPL में कुल कमाई का करीब 10% हिस्सा लोकल रेवेन्यू से आता है | इसमें टिकटो और अन्य चीजो से होने वाली कमाई शामिल होती है |
3 सेंट्रल रेवेन्यू - सेंट्रल रेवेन्यू का IPL से होने वाली कुल कमाई में करीब 60-70% हिस्सा है | इस से कमाई के दो अहम तरीके है |
(A) मीडिया या ब्रॉडकास्टिंग राइट्स और
(B) टाइटल स्पॉन्सरशिप
(A) मीडिया या ब्रॉडकास्टिंग राइट्स - IPL की शुरुआत से ही कमाई का सबसे अहम तरीका उसके प्रसारण या ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से होने वाली कमाई रही है | ब्रॉडकास्टिंग राइट्स का मतलब होता है कि IPL के मैच केवल वही चैनल दिखा पाएगे, जिसके पास इसके राइट्स होंगे | IPL के पहले 10 वर्षों के यानी 2008 से 2017 तक के ब्रॉडकास्टिंग राइट्स सोनी के पास थे और इसके लिए सोनी ने BCCI को 8,200 करोड़ रुपए दिए थे |
2018 में ब्रॉडकास्टिंग राइट्स की फिर बोली लगी और इस बार ये राइट्स स्टार स्पोर्ट्स को मिला | स्टार ने 2018 से 2022 तक ( 5 सालो ) के IPL ब्रॉडकास्टिंग राइट्स को 16,347 करोड़ रुपए में खरीदा | मीडिया और स्पोर्ट्स के जानकारों का मानना है कि 2023-2028 के लिए IPL के मीडिया राइट्स 30 हजार करोड़ रुपए में बिक सकते है |
शुरू में ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से होने वाली कमाई में 20% BCCI रखता था और बाकि का 80% पैसा टीमों को मिलता था लेकिन धीरे-धीरे ये बढ़कर 50%-50% हो गया | यानी अब ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से होने वाली कमाई में BCCI और टीमो को आधा-आधा हिस्सा मिलता है |
(ii) टाइटल स्पॉन्सरशिप - टाइटल स्पॉन्सरशिप भी IPL की टीमों के लिए कमाई का बहुत बड़ा जरिया है | टाइटल स्पॉन्सरशिप का मतलब होता है की IPL के पहले अपना नाम जुड़वाना जैसे- DLF IPL, PEPSI IPL, VIVO IPL, TATA IPL | बड़ी - बड़ी ब्रांड IPL के टाइटल यानी नाम के आगे अपना नाम लगवाने के लिए बहुत पैसा खर्च करते है क्योंकि इससे उनके ब्रांड के प्रचार में बहुत फायदा मिलता है |
IPL 2008 से 2012 तक पांच सीजन के लिए देश के सबसे बड़े रियल एस्टेट डेवलेपर्स में शामिल DLF ने टाइटल स्पॉन्सरशिप राइट्स को 200 करोड़ रुपए में खरीदा था | इसके बाद अगले पांच सीजन के लिए PEPSI ने 397 करोड़ में टाइटल स्पॉन्सरशिप राइट्स को खरीदा लेकिन पेप्सी अपना करार पूरा होने से 2 साल पहले ही 2015 में अलग हो गया |
इसके बाद BCCI ने दो सीजन 2016, 2017 के लिए स्मार्टफोन कंपनी VIVO को ये राइट्स 200 करोड़ में बेचे | वीवो ने फिर 2018 से 2022 पांच सीजन के लिए ये राइट्स 2199 करोड़ में खरीदे लेकिन भारत-चीन विवाद की वजह से 2020 में ड्रीम 11 टाइटल स्पॉन्सर बना और इसके लिए 222 करोड़ दिए | 2021 में VIVO ने वापसी की और 439.8 करोड़ में टाइटल स्पॉन्सरशिप खरीदी | 2022 में दो सीजन के लिए टाटा ने टाइटल स्पॉन्सरशिप हासिल कर ली और इसके लिए 600 करोड़ रुपए खर्च किए |
लोकल रेवेन्यू - IPL टीमो की कमाई का दूसरा तरीका होता है मैच देखने के लिए बिकने वाले टिकट | एक मैच में बिकने वाली टिकट से लगभग 4-5 करोड़ रुपए तक कमाई होती है | इनमे से 80% पैसा घरेलू टीम को मिलता है | यानी हर मैच से टीमो को करीब 3-4 करोड़ रुपए की कमाई टिकट से होती है |
विज्ञापन और प्रमोशनल रेवेन्यू - एड्स और प्रमोशन से टीमो की जमकर बहुत होती है | टीमो की कमाई का अपना बिजनेस मॉडल होता है। इसके तहत वे कई कंपनियों से करार करती है | टीमे एड्स और प्रमोशन के तहत खिलाड़ियो और अंपायर की जर्सी, हेलमेट, विकेट, मैदान और बाउंड्री लाइन पर दिखने वाले कंपनियो के नाम और लोगो आदि के लिए भी कंपनिया टीमो को पैसे देती है |
टीमे खिलाड़ियो से दूसरे ब्रांड के प्रमोशन यानी ऐड भी करवाती है | कई टीमे खिलाड़ियो से खुद के ब्रांड के प्रमोशन भी करवाती है | जैसे-मुंबई इंडियंस जियो का ऐड
टीमे अपने नाम और लोगो वाले टी-शर्ट, कैप, ग्लब्स आदि मर्चन्डाइज बेचकर भी पैसे कमाती है | एक रिपोर्ट्स केअनुसार मुंबई इंडियंस जैसी टीमें हर साल एड्स और प्रमोशन से 50 करोड़ रुपए तक कमा लेती है |
IPL टीमो को हर साल कितनी कमाई होती है - अगर टीमो की सेंट्रल रेवेन्यू, विज्ञापन और लोकल रेवेन्यू से कमाई को जोड़ दें तो पिछले कुछ सालो में IPL की हर टीम को सालाना लगभग 300 करोड़ रुपए की कमाई हुई है |
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